इस दिन: युवी और कैफ की फैंटसी क्रिकेट की जीत और दादा का जश्न।

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फैंटसी क्रिकेट
Credits: ICC
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भारतीय क्रिकेट ने पिछले 20 वर्षों में कई यादगार फैंटसी क्रिकेट जीत हासिल की हैं। ऐसी ही एक जीत हमें 13 जुलाई, 2002 को क्रिकेट के मक्का, लॉर्ड्स लंदन में मिली थी। यह याद रखने लायक एक शाम थी क्योंकि भारत ने फैंटसी क्रिकेट में सबसे बड़ी वापसी की और सौरव गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी में एक ऐतिहासिक जश्न मनाया। यह एक ऐसी शाम थी जिसने विश्व क्रिकेट के इतिहास में युवराज के और कैफ के नाम सुनहरे अक्षरों में लिखे थे।

आइए एक नज़र डालते हैं कि इस दिन का इतिहास कैसे बना था:

इंग्लैंड ने टॉस जीत कर एक लंबी छलांग लगायी

इंग्लैंड
Credits: Getty Images

शुरू से ही विपक्षी पर अधिकार जमाना इंग्लैंड के खेलने का प्रतिष्ठित तरीका रहा है। भारत बनाम इंग्लैंड की शुरुआत नासिर हुसैन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने से की। मार्कस ट्रेस्कॉथिक और निक नाइट ने अच्छी तरह से कार्यवाही शुरू की और ट्रेस्कॉथिक शानदार फॉर्म में दिखे। ज़हीर खान ने निक नाइट का पहला विकेट लिया और स्कोर बोर्ड 42 रन दिखे। इसके बाद, इंग्लैंड के कप्तान ट्रैपोथिक का साथ देते दिखे।

हुसैन-ट्रेस्कॉथिक मज़बूत साझेदारी

हुसैन-ट्रेस्कॉथिक
Credits: Sky Sports

मार्कस ट्रेस्कोथिक ने लगातार हमला जारी रखा और भारत उनके खिलाफ संघर्ष करता रहा। दूसरी ओर, हुसैन बल्लेबाज़ी के लिए संघर्ष कर रहे थे। ट्राईसोथिक 109 रन बनाने से पहले अनिल कुंबले की गुगली पर बोल्ड हो गए। 185 रन की साझेदारी आखिरकार टूट गई। फिर नासिर हुसैन ने अपना पहला एकदिवसीय शतक बनाया और इंग्लैंड ने कुल 325 रन बनाए।

दादा और वीरू: एक ड्रीम स्टार्ट

दादा और वीरू
Credits: YouTube

सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग ने काउंटर अटैक कर के पारी को आगे बढ़ाया। एक साक्षात्कार में गांगुली ने इस घटना को याद करते हुए कहा, “मैं यह सोचकर निराश था कि वे फिर से 300 पार कर गए और हम एक और फाइनल हार सकते हैं जबकि वीरू सीटी बजा रहा था और कह रहा था कि हम जीत जाएंगे।” सौरव गांगुली (60) और वीरेंद्र सहवाग (45) ने 106 रनों की पारी खेली और इंग्लैंड को आक्रमण पर किया। इस तरह की तेज़ शुरुआत के बाद लक्ष्य फिर से उपलब्ध लग रहा था।

युवी और कैफ ने जहाज़ को स्थिर किया

युवी और कैफ
Credits: Firstpost

गांगुली और सहवाग के आउट होने के बाद, भारत ने त्वरित सफलता में मोंगिया, राहुल द्रविड़ और महान सचिन तेंदुलकर को खो दिया। इसके बाद फाइनल में भारत को एक और चोक से बचाने के लिए 2 युवा : युवराज सिंह (69), और मोहम्मद कैफ (87) आये। वे दोनों बहुत अच्छी तरह से खेले और 121 रनों की साझेदारी की, जब भारत को जीत के लिए 59 रनों की जरूरत थी, तभी युवी आउट हो गए।

मोहम्मद कैफ: नाम याद रखें

मोहम्मद कैफ
Credits: Navbharat Times

युवराज के आउट होने के बाद भी, भारत की उम्मीदें जीवित थीं क्योंकि मोहम्मद कैफ ने हरभजन सिंह के साथ मिलकर बाउंड्री मारना जारी रखा। कैफ के सामने विकेट गिरते रहे लेकिन वह डटे रहे।आखिरी ओवर में केवल 2 रन चाहिए थे। फ्लिंटॉफ की गेंद पर ज़हीर खान ने शॉर्ट कवर में एक चौका लगाया और एक तेज सिंगल लिया। कवर फील्डर ने कैफ के अंत की ओर एक सीधा बॉल फेकि लेकिन गेंद विकेट पर नहीं लगी । इंग्लिश खिलाड़ी निराशा में झुक गए और सौरव गांगुली ने एंड्रयू फ्लिंटॉफ को जीवन के लिए याद रखने वाला एक शानदार उत्सव मनाया!

फ्लिंटॉफ
Credits: India.com

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